TRF को PAK का समर्थन मिलने की खबर ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी है, खासकर Pahalgam Attack के बाद।
अंतरराष्ट्रीय आतंक पर खुला मोर्चा
TRF को PAK का समर्थन मिलने की पुष्टि से दुनिया भर में एक बार फिर पाकिस्तान की भूमिका सवालों में है। अमेरिका द्वारा हाल ही में The Resistance Front को विदेशी आतंकी संगठन घोषित किए जाने के बाद, पाकिस्तान ने जिस तरह इसका बचाव किया है, वो चौंकाने वाला है।
📢 पाक विदेश मंत्री का चौंकाने वाला बयान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने अपनी संसद में बयान देते हुए कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में TRF का ज़िक्र रोके जाने के लिए खुद हस्तक्षेप किया। उनका दावा है कि पाकिस्तान एक जिम्मेदार सदस्य देश के रूप में कार्य कर रहा है, लेकिन उनका यह रुख अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर उनके दोहरे रवैये को उजागर करता है।
🔍 पहलगाम हमले पर सफाई या समर्थन?
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा तो पाकिस्तान ने की, लेकिन TRF को उसमें घसीटे जाने का विरोध भी किया। सवाल उठता है: क्या पाकिस्तान इस संगठन के साथ खड़ा है या बस नाम लिए जाने से बच रहा है?
🛑 UNSC में TRF का बचाव क्यों?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मंच पर TRF के खिलाफ कार्रवाई में अड़चन डालना यह दर्शाता है कि पाकिस्तान अब भी कुछ संगठनों को ‘स्ट्रैटेजिक एसेट’ मानता है। जबकि अमेरिका और भारत समेत कई देश इस नेटवर्क को सीमा पार आतंकवाद का चेहरा मानते हैं।
📡 अमेरिका की कार्रवाई और पाक की बौखलाहट
अमेरिका की ओर से TRF को विदेशी आतंकी संगठन घोषित करना पाकिस्तान को अप्रत्याशित रूप से झटका दे गया। जिस वक्त पाकिस्तान अमेरिका से फिर दोस्ती की कोशिश कर रहा है, यह फैसला उसकी छवि पर करारा वार है।
⚠️ भारत-पाक संबंधों पर पड़ सकता है असर
इस पूरे घटनाक्रम का असर भारत-पाक रिश्तों पर पड़ना तय है। TRF की भूमिका को लेकर भारत पहले ही गंभीर रुख अपना चुका है, और अब पाकिस्तान द्वारा इस तरह का बचाव दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।