Bihar Politics: गिरधारी यादव को JDU का नोटिस, नीतीश को नहीं भाया बयान

बिहार की सियासत में हलचल: जेडीयू सांसद के बयान से गरमाया माहौलBihar Politics में उस समय नया तूफान आ गया जब जेडीयू के बांका सांसद गिरधारी यादव के बयान ने पार्टी की लकीर से हटकर हलचल मचा दी। ईवीएम और मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (SIR) पर दिए गए उनके वक्तव्य को लेकर पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। गिरधारी यादव को जेडीयू का नोटिस: 15 दिन में मांगा जवाबपार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद खान द्वारा भेजे गए नोटिस में गिरधारी यादव को 15 दिनों के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया है। जवाब नहीं मिलने की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। विवादित बयान बना मुसीबत: SIR और EVM पर उठाए सवालनोटिस में स्पष्ट किया गया है कि सांसद द्वारा SIR और EVM के विरोध में जो बयान दिए गए, वह कई अखबारों में प्रकाशित हुए। पार्टी का कहना है कि गिरधारी यादव को पता है कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण चुनाव आयोग के निर्देशों के तहत संविधान की धारा 324 और RP Act 1950 के आधार पर होता है। विपक्षी एजेंडे का साथ? पार्टी की छवि को लगा झटकानोटिस में यह भी कहा गया है कि कुछ विपक्षी दल अपने राजनीतिक अवसाद और चुनावी नतीजों की चिंता में SIR का विरोध कर रहे हैं और…

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CM Se Vice President? Nitish Kumar पर गरमाई Bihar Politics

धनखड़ के इस्तीफे से खुले राजनीतिक समीकरण देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा देकर राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। अब सवाल उठता है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? Bihar Politics की बात करें तो इस नाम की चर्चा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजी से उभरते नजर आ रहे हैं। 🧭 भाजपा की पहल, नीतीश पर दांव? सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि नीतीश के नाम को उनकी पार्टी जेडीयू नहीं, बल्कि सहयोगी भाजपा के नेताओं ने आगे बढ़ाया है। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बछौल ने साफ कहा है कि नीतीश को देश के उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। 🔥 विपक्षी हमले और उम्र का मुद्दा इधर बिहार में विपक्षी दल राजद, कांग्रेस और वाम मोर्चा लगातार नीतीश कुमार की उम्र और उनकी कार्यशैली को लेकर सवाल उठा रहे हैं। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव कई बार सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि अब बागडोर किसी और के हाथ में दी जानी चाहिए। 🤝 गठबंधन का गणित या सत्ता की रणनीति? भाजपा कभी भी बिहार में अकेले सरकार नहीं बना सकी है। हर बार उसे नीतीश कुमार और जेडीयू का सहारा लेना पड़ा। ऐसे में जानकारों का मानना है कि नीतीश को उपराष्ट्रपति बनाने की पेशकश के पीछे भाजपा की राजनीतिक रणनीति भी हो सकती है। 📜 नीतीश का विशाल राजनीतिक…

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