
Rafale Operation Sindoor के दौरान राफेल के गिरने की जो अफवाहें उड़ रही थीं, अब उनका सच सामने आ गया है—और यह सच चौंकाने वाला है।
🔍 पाकिस्तान का झूठ बेनकाब!
Rafale Operation Sindoor के दौरान भारत के राफेल लड़ाकू विमानों को लेकर उड़ाई गई सनसनीखेज अफवाहें अब फर्जी साबित हो चुकी हैं। पाकिस्तान द्वारा फैलाए गए इस दावे को डसॉल्ट एविएशन के चेयरमैन और सीईओ एरिक ट्रैपियर ने सिरे से खारिज कर दिया है।
🧠 Dassault की दो टूक – ‘राफेल को कुछ नहीं हुआ’
डसॉल्ट एविएशन ने स्पष्ट किया कि भारत के किसी भी राफेल विमान को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नुकसान नहीं हुआ। एरिक ट्रैपियर ने कहा कि यह सब झूठी और भ्रामक खबरें हैं, जिनका कोई तकनीकी या प्रमाणिक आधार नहीं है।
🌐 फ्रांस ने खोली डिजिटल साजिश की परतें
फ्रांसीसी खुफिया एजेंसियों ने इस साजिश का भंडाफोड़ करते हुए बताया कि पाकिस्तान और चीन ने मिलकर सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी फैलाई। इसमें 1000 से ज्यादा नए अकाउंट्स, फर्जी मलबे की तस्वीरें और AI से बने वीडियो कंटेंट शामिल थे।

⚠️ AI और सोशल मीडिया से फैलाई गई अफवाहें
राफेल की छवि को खराब करने के लिए पाकिस्तान और चीन ने सोशल मीडिया को हथियार बना लिया। तस्वीरें, वीडियो और न्यूज क्लिप—सब कुछ फर्जी निकला। यह पूरी एक संगठित साजिश थी, जो एक ही मकसद से की गई—राफेल की साख को चोट पहुंचाना।
🔬 टारगेट पर वो देश, जो खरीदना चाहते हैं राफेल
फ्रांसीसी अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान का मुख्य निशाना वे देश हैं, जो राफेल खरीदने की योजना बना रहे हैं। चीन चाहता है कि उसके हथियारों को बेहतर और भरोसेमंद माना जाए, और इसके लिए उसने राफेल के खिलाफ साजिश रची।

🛡️ राफेल को यूं ही नहीं चुना गया
फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, राफेल सिर्फ एक विमान नहीं, बल्कि फ्रांस की रणनीतिक ताकत का प्रतीक है। उसे बदनाम करने का मतलब फ्रांस की विश्वसनीयता पर सीधा हमला है। यही कारण है कि यह ‘झूठ का जाल’ इतनी चालाकी से बुना गया।
🧭 फ्रांस का जवाब – साजिश नाकाम
अब जब पूरी साजिश का खुलासा हो चुका है, फ्रांस ने यह भी कहा कि वह अपने रक्षा उपकरणों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर पूरा भरोसा रखता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राफेल को कोई खतरा नहीं है और वह हर मिशन में पूरी मजबूती से डटा रहता है।