
पिता-पुत्र की दर्दनाक मौत श्योपुर में खेत के बीच, पार्वती नदी की बाढ़ ने छीन लिया पूरा संसार…
💔 मौत से पहले आखिरी कोशिश
श्योपुर जिले के आमलदा गांव में एक पिता ने बेटे को बचाने के लिए मौत से लड़ाई लड़ी, लेकिन नियति कुछ और ही चाहती थी। पार्वती नदी के उफान में दोनों खेत में ही फंस गए। तस्वीरें चीख-चीखकर बयां करती हैं कि पिता ने अंतिम सांस तक बेटे को बचाने की हरसंभव कोशिश की।

🧑🌾 किसान की नियति या काल का प्रहार?
राजू यादव और उनका बेटा शिवम खेत की रखवाली में जुटे थे, जब अचानक पार्वती नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाया। किसान जो दिन-रात खेत में मेहनत करता है, वही खेत कभी उसका काल भी बन जाता है। बिजली, बाढ़, कीट—हर पल एक नया खतरा।
🕳 दो रातों से लापता, आज मिली दर्दनाक सच्चाई
परसों रात से परिवार उन्हें ढूंढ रहा था, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। आज सुबह, वही खेत उनके लिए श्मशान बन चुका था। दोनों के शव पास-पास पड़े थे—इस बात की गवाही देते हुए कि वे आखिरी पल तक एक-दूसरे से जुदा नहीं हुए।

🖼 एक तस्वीर, जो बोलती है हजारों शब्द
यह दृश्य केवल मौत की त्रासदी नहीं, एक पिता की ममता, हिम्मत और पुत्र के प्रति प्रेम की जीवित मिसाल है। यह तस्वीर विचलित करती है, लेकिन साथ ही रिश्तों की गहराई भी उजागर करती है। क्षमा करें, पर यह चित्र आवश्यक है।

🙏 ईश्वर से एक ही प्रार्थना
ईश्वर इन आत्माओं को शांति दे और परिवार को इस असहनीय पीड़ा से उबरने की शक्ति।
श्योपुर का पार्वती नदी क्षेत्र अब खतरे के निशान से ऊपर है—सावधानी ही सुरक्षा है।
