OBC से BJP अध्यक्ष, Vice President के लिए Minority नाम? Modi लौटते ही होगा फैसला

OBC BJP अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति चुनाव: जल्द हो सकता है बड़ा ऐलान!

अचानक खाली हुए उपराष्ट्रपति पद और लंबे समय से अटके भाजपा अध्यक्ष चयन को लेकर बड़ा फैसला जल्द सामने आ सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शनिवार को विदेश यात्रा से लौटने के बाद भाजपा के भीतर हलचल तेज़ होने की उम्मीद जताई जा रही है। भाजपा अध्यक्ष और उपराष्ट्रपति दोनों ही अहम पदों पर चयन को लेकर चर्चा तेज़ है, और अब पार्टी इन दोनों मसलों पर एक साथ निर्णय ले सकती है।


🔍 अध्यक्ष पद की प्रक्रिया क्यों है अधर में?

भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया काफी समय से रुकी हुई थी। पार्टी हाईकमान इस पर पहले ही निर्णय के संकेत दे चुका था, लेकिन बार-बार किसी न किसी वजह से बैठकें टलती रहीं। अब जबकि उपराष्ट्रपति पद पर अचानक संकट आया है, तो यह चर्चा गर्म है कि कहीं इससे अध्यक्ष चयन और ना टल जाए।


🤝 साथ में हो सकता है दोनों का चयन

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि दोनों पदों पर चयन की प्रक्रिया साथ की जा सकती है। उपराष्ट्रपति और भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति अलग-अलग प्रक्रियाओं के तहत होती है, लेकिन दोनों में समन्वय बनाकर फैसला लिया जाएगा। यह पूरी कवायद भाजपा और संघ (RSS) के शीर्ष नेतृत्व की बैठक के बाद संभव है।


🧠 रणनीतिक समीकरणों का होगा ध्यान

भाजपा दोनों पदों के लिए उम्मीदवार चुनते समय सिर्फ योग्यता नहीं, बल्कि जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों पर भी फोकस करेगी। बताया जा रहा है कि भाजपा अध्यक्ष पद के लिए OBC नेता सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, वहीं उपराष्ट्रपति पद के लिए अल्पसंख्यक या अगड़ी जाति से किसी नाम पर मुहर लग सकती है।


🗓️ कब होगा अंतिम फैसला?

सूत्रों के अनुसार, अगले एक पखवाड़े में इन दोनों पदों के नामों पर अंतिम मुहर लग सकती है। उपराष्ट्रपति पद के लिए प्रक्रिया पहले शुरू हो सकती है और अगले हफ्ते इस संबंध में औपचारिक सूचना आ सकती है। वहीं भाजपा अध्यक्ष को लेकर पीएम मोदी और आरएसएस की बातचीत के बाद अंतिम फैसला सामने आ सकता है।


🧾 संसद या मंत्री नहीं, फिर कौन?

उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार भाजपा से ही होगा, लेकिन NDA सहयोगियों को इसकी जानकारी पहले दी जाएगी। माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति उम्मीदवार किसी मौजूदा मंत्री या लोकसभा सदस्य से नहीं, बल्कि किसी वर्तमान या पूर्व सांसद से हो सकता है।

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