
“पटक पटककर मारेंगे…” बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के इस बयान से मचा सियासी तूफान, जिस पर अब महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मोर्चा संभाल लिया है।
🔥 शुरुआत आग जैसी, बयान ने पकड़ा तूल
निशिकांत दुबे बयान विवाद ने मंगलवार को नया मोड़ ले लिया जब महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को खुद सफाई देनी पड़ी। उन्होंने कहा कि दुबे की टिप्पणी पूरे मराठी समाज के लिए नहीं थी, बल्कि कुछ संगठनों के लिए थी जो इस विवाद को जानबूझकर भड़का रहे हैं।
⚠️ फडणवीस की खरी-खरी, बयान को बताया ‘गलत’
फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मेरा मानना है कि निशिकांत दुबे का बयान पूरी तरह से सही नहीं है। इस तरह के बयानों से लोगों में भ्रम फैलता है और मराठी समुदाय की भावना को ठेस पहुंचती है।”
🇮🇳 महाराष्ट्र के योगदान को न भूलें: फडणवीस
फडणवीस ने महाराष्ट्र के ऐतिहासिक योगदान की याद दिलाते हुए कहा, “देश के विकास में महाराष्ट्र का योगदान अभूतपूर्व है। उसे कोई नकार नहीं सकता। ऐसा करना पूरी तरह अनुचित होगा।”
📢 क्या है पूरा मामला? जानिए विवाद की जड़
दरअसल, पूरा विवाद एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे के उस बयान से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि जो मराठी में बात नहीं करता, उसे मारा जाए — बस वीडियो न बने। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए दुबे का उग्र बयान सामने आया।
💥 निशिकांत दुबे का तीखा पलटवार
बीजेपी सांसद दुबे ने कहा, “तुम लोग हमारे पैसे से जी रहे हो। कौन सी खदानें हैं तुम्हारे पास? हिंदी बोलने वालों को मारने की बात करते हो, तो उर्दू, तमिल, तेलुगु बोलने वालों को भी मारो। अगर हिम्मत है तो महाराष्ट्र से बाहर आओ… पटक-पटककर मारेंगे।”
⚖️ बयानबाज़ी या आग में घी?
अब इस बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है। जहां फडणवीस ने damage control किया, वहीं विरोधी पार्टियों को बैठे-बिठाए बड़ा मुद्दा मिल गया है।
🧩 कहानी अभी खत्म नहीं…
इस बयान से बीजेपी की आंतरिक असहमति भी खुलकर सामने आ गई है। क्या पार्टी अब अपने नेताओं को अनुशासन में लाएगी? या यह विवाद और गहराएगा? इसका जवाब आने वाले दिनों में मिलेगा।