मोदी जी पांच जहाजों का सच क्या है | Rahul Vs BJP in Monsoon Session

‘मोदी जी पांच जहाजों का सच क्या है’—Rahul Gandhi के इस सवाल ने संसद से पहले मोदी सरकार पर सियासी बवंडर ला दिया है।

🔥 संसद सत्र से पहले बवाल
मोदी जी पांच जहाजों का सच‘—यह सवाल लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उठाया और संसद का पारा चढ़ा दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा भारत-पाक युद्ध रोकवाने और 5 लड़ाकू विमान गिराए जाने के दावे ने विपक्ष को सरकार पर हमला बोलने का नया हथियार दे दिया है।


🗣️ राहुल गांधी का सीधा सवाल
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर ट्रंप का बयान साझा करते हुए राहुल गांधी ने सीधे पीएम मोदी से पूछा, “मोदी जी पांच जहाजों का सच क्या है? देश को जानने का हक है।” यह बयान मानसून सत्र से ठीक पहले आया, जब विपक्ष पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर रोकने के मुद्दों को लेकर पूरी तरह से लामबंद है।


⚠️ ट्रंप के दावों ने बढ़ाया तनाव
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दावा किया है कि भारत-पाकिस्तान के बीच उनकी मध्यस्थता से युद्ध रुका, और इस दौरान संभवतः पांच विमान गिराए गए। हालांकि उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान किस देश के थे। इस रहस्य ने संसद में गर्मी और बढ़ा दी है।


📢 कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि ट्रंप ने बीते 70 दिनों में कई बार इस तरह के दावे किए हैं, और अब संसद सत्र से ठीक पहले फिर वही बातें दोहराई गई हैं। उन्होंने कटाक्ष किया कि मोदी जी जो ‘हाउडी मोदी’ और ‘नमस्ते ट्रंप’ में ट्रंप से झप्पी लेते थे, अब उन्हें संसद में जवाब देना चाहिए।


🧩 संसद में उठेंगे कई बड़े सवाल
विपक्ष की योजना है कि मानसून सत्र में मोदी जी पांच जहाजों का सच को लेकर सरकार से सीधा जवाब मांगा जाए। इसके साथ ही पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर पर रोक और बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर भी सवाल खड़े किए जाएंगे।


🔍 चुनाव आयोग पर भी आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा का एक विभाग बन चुका है। बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को चुनावी धांधली से जोड़ा जा रहा है, जिसमें खुद पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह की भूमिका है। यह सत्र इस मुद्दे पर भी गरमाने वाला है।


🇮🇳 विदेश नीति और राज्य संबंधी मांगें भी एजेंडे में
सत्र में विपक्ष चीन नीति, व्यापार समझौतों और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग के साथ लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने का मुद्दा भी उठाएगा। साथ ही मणिपुर में राष्ट्रपति शासन और पीएम की अनुपस्थिति पर भी सरकार को घेरा जाएगा।

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