Jhalawar School Accident: 7 मासूमों की मौत ने मचाया कोहराम, बवाल के बीच शिक्षक सस्पेंड
राजस्थान के झालावाड़ में शुक्रवार सुबह Jhalawar School Accident में 7 बच्चों की दर्दनाक मौत ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया।
पिपलोद गांव में स्कूल की जर्जर इमारत की छत अचानक ढह गई, जिससे दर्जनों बच्चे मलबे में दब गए। इस हादसे के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने पुलिस के वाहनों पर पथराव कर दिया।
⚠️ 35 साल पुरानी इमारत बनी मौत का जाल
पिपलोद गांव के अपर प्राइमरी स्कूल की छत अचानक गिर गई। 7 बच्चों की मौके पर मौत हो गई जबकि 29 अन्य घायल हो गए। घायलों में से 13 की हालत गंभीर है और उनका इलाज एसआरजी अस्पताल झालावाड़ व मनोहर थाना सीएचसी में चल रहा है।
🛠️ पानी रिसाव बना हादसे की वजह, DEO का दावा
जिला शिक्षा अधिकारी नरसो मीणा ने दावा किया कि स्कूल की छत बारिश के पानी की वजह से गिरी। उनका कहना था कि इमारत की पिछली दीवार से पानी रिसने के कारण यह हादसा हुआ। डीईओ के अनुसार, प्रिंसिपल को पहले ही उस कमरे में कक्षाएं न लगाने का निर्देश दिया गया था।
😡 भीड़ का गुस्सा फूटा, पुलिस पर किया पथराव
हादसे के बाद गांव में आक्रोश फैल गया। गुस्साई भीड़ ने पुलिस की गाड़ियों पर पथराव किया और तोड़फोड़ की। हालात काबू में लाने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
🛑 5 शिक्षकों पर गिरी गाज, हाई लेवल जांच के आदेश
हादसे के बाद शिक्षा विभाग ने फौरन कार्रवाई करते हुए स्कूल के पांच शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया। राज्य के शिक्षा मंत्री ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। अब यह जांच तय करेगी कि किसकी लापरवाही ने 7 मासूमों की जान ले ली।
🚑 ना एंबुलेंस पहुंची, ना समय पर मदद मिली
गांव के सरपंच रामप्रसाद लोढ़ा ने बताया कि हादसे के बाद एंबुलेंस नहीं पहुंची। मजबूरन घायल बच्चों को टू-व्हीलर पर अस्पताल ले जाया गया। खुद सरपंच जेसीबी लेकर मौके पर पहुंचे और मलबा हटाने में मदद की। मलबे से 13 बच्चों को निकाला गया, लेकिन 7 की जान नहीं बचाई जा सकी।