Income Tax Raid 2025: फर्जी छूट और कटौती पर देशभर में टैक्स विभाग की बड़ी कार्रवाई
रिफंड के लालच में फंसे हजारों टैक्सपेयर्स
Income Tax Raid 2025 के तहत आयकर विभाग ने देशभर में ऐसे लोगों और एजेंट्स के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है जो झूठी टैक्स छूट और कटौतियों के नाम पर रिटर्न में फर्जीवाड़ा करवा रहे थे। बड़े रिफंड का लालच देकर लोगों को इस जाल में फंसाया जा रहा था।
दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र और एमपी पर टारगेट
14 जुलाई 2025 को आयकर विभाग ने दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु में एक साथ छापेमारी और जांच शुरू की। इन राज्यों में बड़े पैमाने पर फर्जी टैक्स क्लेम सामने आए, जिनमें आईटी एक्ट की कई धाराएं गलत ढंग से इस्तेमाल की गईं।
कैसे चलता था यह टैक्स घोटाला?
ITR एजेंट्स और बिचौलियों का संगठित नेटवर्क लोगों से झूठे मेडिकल बिल, रेंट स्लिप्स, फर्जी दान रसीदें और एजुकेशन लोन के कागज़ लेकर रिटर्न फाइल करता था। सेक्शन 10(13A), 80D, 80G से लेकर 80DDB तक का दुरुपयोग किया गया।
सरकारी कर्मचारी से लेकर प्रोफेसर तक फंसे
जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि सिर्फ सामान्य लोग ही नहीं, बल्कि सरकारी संस्थानों के कर्मचारी, शिक्षक, MNC और PSU प्रोफेशनल्स तक इस फर्जीवाड़े में शामिल पाए गए। सभी को मोटे रिफंड का लालच दिखाया गया था।
फर्जी ईमेल आईडी से भरा गया रिटर्न
बिचौलिए फर्जी ईमेल आईडी से रिटर्न फाइल करते और फिर वह ID डिलीट कर देते थे। नतीजतन, जब विभाग नोटिस भेजता, तो वह किसी के पास नहीं पहुंचता। इससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हो रहा था।
अब तक 1,045 करोड़ की फर्जी छूट वापस
आयकर विभाग ने 150 स्थानों पर छापेमारी कर 40,000 से ज्यादा टैक्सपेयर्स को चिन्हित किया। इन लोगों ने ₹1,045 करोड़ की फर्जी क्लेम वापिस लेकर रिटर्न संशोधित किया है। बाकी के खिलाफ जुर्माना और केस दर्ज करने की तैयारी है।
IT विभाग की सख्त चेतावनी
विभाग ने स्पष्ट कहा है—रिटर्न हमेशा असली ईमेल और मोबाइल से भरें, किसी एजेंट के चक्कर में न आएं और गलत दावे तुरंत सुधारें। डिजिटल टैक्स सिस्टम में अब पारदर्शिता है, लेकिन धोखा देने की कोशिश अब भारी पड़ेगी।
अब सिर्फ चेतावनी नहीं, होगी कार्रवाई
Income Tax Raid 2025 का उद्देश्य है टैक्स प्रणाली को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना। इसीलिए विभाग अब केवल नोटिस नहीं भेजेगा, जुर्माना और आपराधिक मामला भी दर्ज करेगा।