
Himachal Pradesh Monsoon Tragedy ने एक बार फिर प्रकृति के प्रकोप की भयावह तस्वीर पेश की है—23 बाढ़, 19 बादल फटना, 16 भूस्खलन, और 78 मौतें… सिर्फ 17 दिनों में!
🌪 बारिश का तांडव: हिमाचल में कहर बनकर टूटा मानसून
Himachal Pradesh Monsoon Tragedy के तहत अब तक की सबसे भयावह आपदा सामने आई है। सिर्फ 17 दिनों में बारिश ने वो तबाही मचाई है, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। 23 बाढ़, 19 बादल फटने और 16 भूस्खलन की घटनाओं ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है।
💀 मौत का आंकड़ा छू गया 78, डर का माहौल
20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से 6 जुलाई तक Himachal Pradesh Monsoon Tragedy में 78 लोगों की जान जा चुकी है। एसडीएमए रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से 50 लोगों की मौत सीधे प्राकृतिक आपदाओं—भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने से हुई है, जबकि 28 लोगों की मौत सड़क हादसों में दर्ज की गई।
🌊 बाढ़ और डूबने से गई 22 जानें
बाढ़ ने सबसे ज्यादा जानलेवा रूप धारण किया। अकेले अचानक आई बाढ़ से 14 लोगों की मौत हुई, जबकि डूबने की घटनाओं में 8 लोगों ने दम तोड़ दिया। बिजली गिरने और गिरकर मरने जैसी घटनाएं भी रिपोर्ट की गईं।
📍 सबसे ज्यादा मौतें मंडी जिले में
जिला स्तर पर देखा जाए तो मंडी सबसे अधिक प्रभावित रहा, जहां 17 मौतें हुईं। कांगड़ा में 11, कुल्लू, चंबा और शिमला में 3-3 लोगों की मौत दर्ज की गई। Himachal Pradesh Monsoon Tragedy हर जिले को प्रभावित कर रही है, लेकिन कुछ जिले गंभीर संकट में हैं।
🚗 सड़क हादसे भी बने मौत की वजह
तेज बारिश और फिसलन भरी सड़कों ने सड़क दुर्घटनाओं में 28 लोगों की जान ली। चंबा में सबसे ज्यादा 6 मौतें हुईं, जबकि बिलासपुर, कुल्लू और कांगड़ा जैसे जिलों में भी जानलेवा हादसे दर्ज किए गए।
⚡ सड़कें, बिजली और पानी—सब कुछ प्रभावित
अब तक 269 सड़कें बंद पड़ी हैं। 285 बिजली ट्रांसफार्मर और 278 जलापूर्ति योजनाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। सरकार को इस तबाही से 57 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।