Himachal Flood Alert: मंडी, शिमला समेत 7 जिलों में भारी बारिश का कहर | बाढ़ खतरा अलर्ट

Himachal Flood Alert: खतरे की आहट, अगले 24 घंटे बेहद भारी!

⚠️ बाढ़ की दस्तक
हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। Himachal Flood Alert के तहत अगले 24 घंटे प्रदेश के सात जिलों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। मंडी, शिमला, चंबा, सोलन, सिरमौर, कुल्लू और कांगड़ा जिलों में हल्की से मध्यम बाढ़ की आशंका जताई गई है।

🟡 येलो अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी देते हुए राज्यभर में ‘येलो अलर्ट’ जारी कर दिया है। सोमवार तक रुक-रुक कर भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। ऐसे में प्रदेश के नागरिकों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।

🚫 बंद सड़कें, रुकी सप्लाई
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, केवल मंडी जिले में 153 सड़कों सहित प्रदेशभर में कुल 225 सड़कें बंद हैं। 163 ट्रांसफार्मर और 174 जल योजनाएं ठप हो चुकी हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त है।

☔ सामान्य से अधिक बारिश
1 जून से 8 जुलाई के बीच हिमाचल में औसतन 152.6 मिमी बारिश होनी थी, लेकिन अब तक 203.2 मिमी बारिश हो चुकी है। मंडी में 110%, शिमला में 89%, और ऊना में 86% अधिक वर्षा दर्ज की गई है। मानसून ने 20 जून को हिमाचल में प्रवेश किया था, और तब से यह प्रलयकारी बन गया है।

🌧️ 23 बाढ़, 19 बादल फटने की घटनाएं
मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक राज्य में 23 बाढ़, 19 बादल फटने और 16 भूस्खलन की घटनाएं हो चुकी हैं। इन खतरनाक आपदाओं ने प्रदेश की जड़ों को हिला कर रख दिया है।

🪖 मंडी में रेस्क्यू अभियान तेज
अधिकारियों ने बताया कि मंडी जिले के थुनाग, गोहर और करसोग में लापता 28 लोगों की तलाश जारी है। ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद से राहत-बचाव कार्य चल रहा है।

🕯️ अब तक 80 मौतें, 692 करोड़ का नुकसान
20 जून से अब तक Himachal Flood Alert के कारण 80 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 52 मौतें बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से जुड़ी हैं। शेष 28 सड़क दुर्घटनाओं में हुईं। अनुमानित आर्थिक नुकसान 692 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।

Himachal Flood Alert: भारी बारिश के बीच सड़कों पर जलप्रलय

📞 हेल्पलाइन नंबर जारी
राज्य सरकार ने प्रभावित जिलों में राहत और सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। नागरिकों से अपील की गई है कि संकट की स्थिति में वे तुरंत आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें और अफवाहों से बचें।

Related Posts

पिता-पुत्र की दर्दनाक मौत श्योपुर: खेत में जल समाधि की हिला देने वाली तस्वीरें

पिता-पुत्र की दर्दनाक मौत श्योपुर में खेत के बीच, पार्वती नदी की बाढ़ ने छीन लिया पूरा संसार… 💔 मौत से पहले आखिरी कोशिश श्योपुर जिले के आमलदा गांव में एक पिता ने बेटे को बचाने के लिए मौत से लड़ाई लड़ी, लेकिन नियति कुछ और ही चाहती थी। पार्वती नदी के उफान में दोनों खेत में ही फंस गए। तस्वीरें चीख-चीखकर बयां करती हैं कि पिता ने अंतिम सांस तक बेटे को बचाने की हरसंभव कोशिश की। 🧑‍🌾 किसान की नियति या काल का प्रहार? राजू यादव और उनका बेटा शिवम खेत की रखवाली में जुटे थे, जब अचानक पार्वती नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाया। किसान जो दिन-रात खेत में मेहनत करता है, वही खेत कभी उसका काल भी बन जाता है। बिजली, बाढ़, कीट—हर पल एक नया खतरा। 🕳 दो रातों से लापता, आज मिली दर्दनाक सच्चाई परसों रात से परिवार उन्हें ढूंढ रहा था, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। आज सुबह, वही खेत उनके लिए श्मशान बन चुका था। दोनों के शव पास-पास पड़े थे—इस बात की गवाही देते हुए कि वे आखिरी पल तक एक-दूसरे से जुदा नहीं हुए। 🖼 एक तस्वीर, जो बोलती है हजारों शब्द यह दृश्य केवल मौत की त्रासदी नहीं, एक पिता की ममता, हिम्मत और पुत्र के प्रति प्रेम की जीवित मिसाल है। यह तस्वीर विचलित करती…

Continue reading
एक मिशन, 14 दिन व तीन आतंकी ढेर; क्यों नाम रखा गया Operation Mahadev? जवानों ने ऑपरेशन को कैसे दिया अंजाम

 जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले का बदला ले लिया। ऑपरेशन महादेव के तहत सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा को मार गिराया। मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए। सेना ने कैसे ऑपरेशन महादेव की योजना बनाई कई दिनों पहले ही इस ऑपरेशन की तैयारी हो गई थी। इस ऑपरेशन का नाम जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित महादेव चोटी के नाम पर रखा गया था। आतंकवादी महादेव चोटी की तलहटी में घने जंगलों में छिपे हुए थे। सुरक्षा बल इलेक्ट्रोनिक उपकरण से लगातार निगरानी कर रहे थे। सेना को जुलाई की शुरुआत में ही संदिग्ध संदेश मिले थे। ऐसे पकड़े गए आतंकी बता दें कि सुरक्षा बलों को चीनी अल्ट्रा-रेडियो संचार के एक्टिव होने की खबर मिली। इसके बाद सेना के जवानों ने यह ऑपरेशन शुरू किया। लश्कर एन्क्रिप्टेड संदेशों के लिए चीनी रेडियो का इस्तेमाल करता है। यह चोटी काफी ऊंचाई पर है, जहां आतंकवादियों को जंगल युद्ध का प्रशिक्षण दिया जाता है। सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले 14 दिनों तक लश्कर और जैश के आतंकवादियों पर नजर रखी। पाकिस्तान के इशारे पर किया था हमला सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, सुलेमानी ने पहलगाम हमले को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और लश्कर के अपने हैंडलर सज्जाद और काजी सैफ के निर्देश पर अंजाम दिया था। वह दोनों के…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error

Enjoy this blog? Please spread the word :)

Follow by Email
Instagram
WhatsApp