धनखड़ के इस्तीफे से खुले राजनीतिक समीकरण
देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा देकर राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। अब सवाल उठता है कि अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा? Bihar Politics की बात करें तो इस नाम की चर्चा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजी से उभरते नजर आ रहे हैं।
🧭 भाजपा की पहल, नीतीश पर दांव?
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि नीतीश के नाम को उनकी पार्टी जेडीयू नहीं, बल्कि सहयोगी भाजपा के नेताओं ने आगे बढ़ाया है। भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बछौल ने साफ कहा है कि नीतीश को देश के उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।
🔥 विपक्षी हमले और उम्र का मुद्दा
इधर बिहार में विपक्षी दल राजद, कांग्रेस और वाम मोर्चा लगातार नीतीश कुमार की उम्र और उनकी कार्यशैली को लेकर सवाल उठा रहे हैं। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव कई बार सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि अब बागडोर किसी और के हाथ में दी जानी चाहिए।
🤝 गठबंधन का गणित या सत्ता की रणनीति?
भाजपा कभी भी बिहार में अकेले सरकार नहीं बना सकी है। हर बार उसे नीतीश कुमार और जेडीयू का सहारा लेना पड़ा। ऐसे में जानकारों का मानना है कि नीतीश को उपराष्ट्रपति बनाने की पेशकश के पीछे भाजपा की राजनीतिक रणनीति भी हो सकती है।
📜 नीतीश का विशाल राजनीतिक अनुभव
नीतीश कुमार को केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर शासन का व्यापक अनुभव है। वे पिछले 20 वर्षों से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। संसद और विधानसभाओं में उनका कुल अनुभव करीब 48 साल का है, जो उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाता है।
🧠 सदन संचालन और सोशल इंजीनियरिंग में माहिर
नीतीश को न सिर्फ राजनीति की गहरी समझ है बल्कि वे सदन की कार्यप्रणाली, कानून व्यवस्था और प्रशासनिक संतुलन जैसे मुद्दों में भी दक्ष हैं। यही वजह है कि उन्हें आज भी एक व्यावहारिक, शांत लेकिन प्रभावी नेता माना जाता है।