छांगुर गिरोह जाकिर नाइक कनेक्शन: विदेशी फंडिंग का खुलासा

विदेशी फंडिंग की जड़ में छांगुर और जाकिर नाइक!

छांगुर गिरोह जाकिर नाइक कनेक्शन में सामने आए चौंकाने वाले खुलासों ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। उत्तर प्रदेश में धार्मिक मतांतरण कराने वाले इस गिरोह को भगोड़े इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक की कंपनियों से विदेशों से फंडिंग मिल रही थी।

ईडी और खुफिया एजेंसियां अलर्ट मोड में

प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय खुफिया एजेंसियां अब इस फंडिंग की गहराई से जांच की तैयारी में हैं। शुरुआती जांच में इस नेटवर्क को सिमी (SIMI) और प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (PFI) से जोड़ने वाले ठोस सुराग हाथ लगे हैं।

छांगुर के खातों में 100 करोड़ का रहस्य

हाल ही में गिरफ्तार जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के खातों में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की विदेशी रकम ट्रांसफर हुई है। एटीएस (ATS) को इसके ठोस दस्तावेज मिले हैं, जिससे इस पूरे षड्यंत्र का जाल सामने आ गया है।

नेपाल बॉर्डर से भी फंडिंग लिंक

आयकर विभाग की नेपाल सीमा से सटी जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मदरसों और धार्मिक संस्थानों को दक्षिण भारतीय राज्यों से फंड ट्रांसफर किए गए हैं। यह रिपोर्ट अब गृह मंत्रालय तक पहुंच चुकी है।

वीडियो से कट्टरता का जहर

गिरफ्तार सदस्यों से पूछताछ में चौंकाने वाला सच सामने आया है—गिरोह इंटरनेट पर वीडियो प्रचार के जरिए ब्रेनवाश कर रहा था। एक वीडियो में कहा गया—“मुसीबत आने वाली है… अगर न समझे तो मिट जाओगे ए हिंदोस्तान वालों।”

भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का प्लान

गिरोह ऐसे गीत और वीडियो बनाकर यह दलील दे रहा था कि भारत में बुतपरस्ती को बढ़ावा दिया जा रहा है। उनका मकसद साफ था—देश को एक इस्लामिक राष्ट्र में तब्दील करने की जहरीली साजिश।

जाकिर नाइक की छाया हर सुराग में

जाकिर नाइक, जो भारत में वांछित है और मलेशिया में शरण लिए हुए है, उसकी संस्थाएं अब यूपी के मतांतरण नेटवर्क से भी जुड़ती नजर आ रही हैं। उसके भाषण, किताबें और नेटवर्क भारत में उग्र विचारधारा फैलाने में सहायक रहे हैं।

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