Amit Shah का Border Warning बयान: Operation Sindoor और Sahkarita Year पर बड़ी बात | Jaipur Speech Update

सीमा पर छेड़छाड़ का अंजाम होगा खौफनाक: अमित शाह का दो टूक संदेश
Amit Shah Border Warning Operation Sindoor के जरिए जयपुर से पाकिस्तान को खुली चेतावनी मिली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “भारत अब बदल चुका है, और यदि किसी ने हमारी सीमाओं या सैनिकों से छेड़खानी की, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।”

ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र: दुश्मनों के घर में घुसकर मारा
अमित शाह ने पहलगाम हमले के बाद की गई जवाबी कार्रवाई की चर्चा करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई एक निर्णायक कार्रवाई थी। पुलवामा हमले के जवाब में एयर स्ट्राइक और उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाइयों ने यह साबित कर दिया कि मोदी सरकार कमजोर नहीं है।

भारत की छवि सशक्त राष्ट्र के रूप में उभरी: शाह
उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मोर्चे पर यह सरकार सबसे ज्यादा मजबूत रही है। कांग्रेस के दौर में जहां भारत बार-बार आतंकी हमलों का शिकार होता था, वहीं अब हर हमले का जवाब दुश्मनों की सरज़मीं पर दिया जाता है। इससे भारत की वैश्विक छवि एक सशक्त राष्ट्र के रूप में बनी है।

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 की जयपुर से हुई शुरुआत
कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने बताया कि 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है, जिसकी शुरुआत भारत से हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वैश्विक वर्ष का पहला आयोजन जयपुर से किया, जो इस बात का संकेत है कि भारत सहकारिता आंदोलन का केंद्र बनने जा रहा है।

गांव-गरीब-किसान तक पहुंचेगी सहकारिता की ताकत
शाह ने कहा कि गांव, गरीब और किसान को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने अलग सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की। आज देश की 98 प्रतिशत ग्रामीण आबादी सहकारिता से किसी न किसी रूप में जुड़ी हुई है।

सहकारिता की भूमिका और आकड़े: ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़
उन्होंने बताया कि 20 प्रतिशत धान-गेहूं की खरीद, 35 प्रतिशत उर्वरक और 30 प्रतिशत चीनी का उत्पादन सहकारिता के माध्यम से हो रहा है। 20 प्रतिशत से अधिक उचित मूल्य की दुकानें और 8.5 लाख सहकारी संस्थाएं देशभर में सक्रिय हैं। कुल 31 करोड़ लोग इससे जुड़े हुए हैं।

मोदी सरकार की आर्थिक छलांग और गरीबी में गिरावट
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को 11वीं से चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में तब्दील किया है। 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया गया है। 60 करोड़ से अधिक लोगों को घर, गैस, बिजली, शौचालय और मुफ्त अनाज जैसी बुनियादी सुविधाएं दी गई हैं।

राजस्थान के ऊंटों पर भी सरकार की नजर: नस्ल संरक्षण की योजना
राजस्थान के किसानों और पशुपालकों को आश्वस्त करते हुए अमित शाह ने कहा कि ऊंटों की नस्ल संरक्षण और ऊंटनी के दूध के औषधीय गुणों पर शोध हो रहा है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आने वाले समय में ऊंटों का अस्तित्व खतरे में न पड़े।

Related Posts

पिता-पुत्र की दर्दनाक मौत श्योपुर: खेत में जल समाधि की हिला देने वाली तस्वीरें

पिता-पुत्र की दर्दनाक मौत श्योपुर में खेत के बीच, पार्वती नदी की बाढ़ ने छीन लिया पूरा संसार… 💔 मौत से पहले आखिरी कोशिश श्योपुर जिले के आमलदा गांव में एक पिता ने बेटे को बचाने के लिए मौत से लड़ाई लड़ी, लेकिन नियति कुछ और ही चाहती थी। पार्वती नदी के उफान में दोनों खेत में ही फंस गए। तस्वीरें चीख-चीखकर बयां करती हैं कि पिता ने अंतिम सांस तक बेटे को बचाने की हरसंभव कोशिश की। 🧑‍🌾 किसान की नियति या काल का प्रहार? राजू यादव और उनका बेटा शिवम खेत की रखवाली में जुटे थे, जब अचानक पार्वती नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाया। किसान जो दिन-रात खेत में मेहनत करता है, वही खेत कभी उसका काल भी बन जाता है। बिजली, बाढ़, कीट—हर पल एक नया खतरा। 🕳 दो रातों से लापता, आज मिली दर्दनाक सच्चाई परसों रात से परिवार उन्हें ढूंढ रहा था, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। आज सुबह, वही खेत उनके लिए श्मशान बन चुका था। दोनों के शव पास-पास पड़े थे—इस बात की गवाही देते हुए कि वे आखिरी पल तक एक-दूसरे से जुदा नहीं हुए। 🖼 एक तस्वीर, जो बोलती है हजारों शब्द यह दृश्य केवल मौत की त्रासदी नहीं, एक पिता की ममता, हिम्मत और पुत्र के प्रति प्रेम की जीवित मिसाल है। यह तस्वीर विचलित करती…

Continue reading
एक मिशन, 14 दिन व तीन आतंकी ढेर; क्यों नाम रखा गया Operation Mahadev? जवानों ने ऑपरेशन को कैसे दिया अंजाम

 जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले का बदला ले लिया। ऑपरेशन महादेव के तहत सुरक्षाबलों ने पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा को मार गिराया। मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए। सेना ने कैसे ऑपरेशन महादेव की योजना बनाई कई दिनों पहले ही इस ऑपरेशन की तैयारी हो गई थी। इस ऑपरेशन का नाम जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित महादेव चोटी के नाम पर रखा गया था। आतंकवादी महादेव चोटी की तलहटी में घने जंगलों में छिपे हुए थे। सुरक्षा बल इलेक्ट्रोनिक उपकरण से लगातार निगरानी कर रहे थे। सेना को जुलाई की शुरुआत में ही संदिग्ध संदेश मिले थे। ऐसे पकड़े गए आतंकी बता दें कि सुरक्षा बलों को चीनी अल्ट्रा-रेडियो संचार के एक्टिव होने की खबर मिली। इसके बाद सेना के जवानों ने यह ऑपरेशन शुरू किया। लश्कर एन्क्रिप्टेड संदेशों के लिए चीनी रेडियो का इस्तेमाल करता है। यह चोटी काफी ऊंचाई पर है, जहां आतंकवादियों को जंगल युद्ध का प्रशिक्षण दिया जाता है। सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले 14 दिनों तक लश्कर और जैश के आतंकवादियों पर नजर रखी। पाकिस्तान के इशारे पर किया था हमला सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, सुलेमानी ने पहलगाम हमले को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और लश्कर के अपने हैंडलर सज्जाद और काजी सैफ के निर्देश पर अंजाम दिया था। वह दोनों के…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error

Enjoy this blog? Please spread the word :)

Follow by Email
Instagram
WhatsApp