दिल्ली की हार से हिली ‘आप’, अब प्लान है बदला लेने का
AAP नई रणनीति दिल्ली हार के पांच महीने बाद सामने आई है। आम आदमी पार्टी ने अब खुद को फिर से संगठित करने की दिशा में तेज़ी से कदम उठाए हैं। पार्टी न केवल दिल्ली में दोबारा पकड़ मजबूत करने की योजना बना रही है, बल्कि भाजपा शासित राज्यों में भी अपने राजनीतिक तेवर दिखाने की तैयारी में है।
दिल्ली मॉडल से मिली हार, पार्टी को लगा गहरा झटका
फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में AAP को उस दिल्ली में हार का सामना करना पड़ा, जिसे वह अपना सबसे बड़ा मॉडल मानती थी। 2020 में जहां AAP को 53.57% वोट मिले थे, वहीं इस बार आंकड़ा घटकर 43.57% पर आ गया। पार्टी की सीटें 62 से घटकर 22 पर आ गईं।
हार के बाद सन्नाटा, नेताओं में गहराया तनाव
चुनाव नतीजों के बाद न केवल कार्यकर्ता, बल्कि बड़े नेता भी तनाव में आ गए। कई उम्मीदवार बेहद कम अंतर से हारे, जिससे अंदरूनी हताशा और बढ़ गई। इतना कि कई बड़े राजनीतिक घटनाक्रमों पर पार्टी की प्रतिक्रिया तक समय पर नहीं आ पाई।
अब दोतरफा हमला करेगी AAP
सूत्रों के मुताबिक, अब आम आदमी पार्टी भाजपा के खिलाफ दोस्ताना नहीं, दोतरफा हमला करेगी। पार्टी के राष्ट्रीय नेता जहां अन्य राज्यों में सक्रियता बढ़ाएंगे, वहीं दिल्ली के प्रभावी नेता स्थानीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ आक्रामक मोड में रहेंगे।
संगठन को दी जा रही नई ऊर्जा
पार्टी ने सभी राज्यों के प्रभारियों को नए निर्देश जारी किए हैं। उन्हें कहा गया है कि राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय घटनाओं पर तुरंत और प्रभावशाली प्रतिक्रिया दी जाए। हर छोटे-बड़े मुद्दे पर पार्टी की मौजूदगी दर्ज होनी चाहिए।
प्रमुख नेताओं को सौंपी गई दिल्ली की जिम्मेदारी
दिल्ली में AAP को फिर से खड़ा करने की जिम्मेदारी अब आतिशी और कुछ वरिष्ठ नेताओं के कंधों पर है। अरविंद केजरीवाल खुद भी आगामी राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेकर संगठन को सक्रिय बनाएंगे।
रणनीति का अगला लक्ष्य 2025?
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो यह नई रणनीति 2025 के मिशन को ध्यान में रखकर बनाई गई है। दिल्ली में सत्ता गंवाने के बाद AAP का अगला उद्देश्य भाजपा को उसके ही मैदान पर टक्कर देना है, और उसके लिए पार्टी अब कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।