Radhika Yadav Murder Case में अब एक नई परत सामने आई है—वॉट्सऐप चैट में राधिका ने कोच से खुलकर अपनी आज़ादी की ख्वाहिश जाहिर की थी।
Radhika Yadav Murder Case: खुली जिंदगी की ख्वाहिश, मिली मौत
गुरुग्राम में 25 वर्षीय राष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या के मामले में Radhika Yadav Murder Case अब नया मोड़ ले चुका है। वायरल हुई वॉट्सऐप चैट में राधिका ने अपनी आज़ादी की ख्वाहिश ज़ाहिर की थी।
📱 कोच से की थी दिल की बात
राधिका ने अपने कोच अजय यादव से बातचीत में साफ कहा था, “इधर बहुत रिस्ट्रिक्शन्स हैं, लाइफ एन्जॉय करना चाहती हूं।” उन्होंने बताया कि वे दुबई या ऑस्ट्रेलिया जाकर खुद के लिए एक आज़ाद जिंदगी शुरू करना चाहती थीं।
🌍 विदेश जाने की थी योजना
चैट में राधिका ने कहा था कि उन्होंने अक्टूबर-नवंबर तक विदेश जाने का प्लान बना लिया था, लेकिन उनके पिता दीपक यादव इसके खिलाफ थे। चीन जाने का प्रस्ताव सिर्फ खाने की समस्या के कारण ठुकरा दिया गया।
💸 आर्थिक आज़ादी से पिता को थी परेशानी
पुलिस जांच में सामने आया है कि राधिका की कमाई और स्वतंत्रता से दीपक यादव असहज थे। उन्होंने स्वीकार किया कि गांववालों के तानों से वे परेशान थे, जो कहते थे कि वे बेटी की कमाई पर पल रहे हैं।
🔫 सुनियोजित हत्या, चार गोलियां
हत्या की योजना दीपक ने सोच-समझकर बनाई। बेटे को दूध लाने भेजा, और फिर लाइसेंसी रिवॉल्वर से चार गोलियां मारीं—तीन छाती में और एक कंधे पर। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने FIR के “पीठ में गोली” वाले दावे को गलत ठहराया।
🧑⚖️ न्यायिक हिरासत में पिता
दीपक यादव को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पुलिस इस हत्या को “सुनियोजित” मान रही है और जांच में राधिका की सोशल मीडिया गतिविधियों और उनके म्यूजिक वीडियो “करवां” की भूमिका को भी देख रही है।
📹 RAT की तरह सामने आई चैट की सच्चाई
इस केस में वॉट्सऐप चैट एक तरह से ब्लैक बॉक्स की तरह उभरी है, जिसने हत्या के पीछे की असल वजहों को उजागर किया है—घर की बंदिशें, बेटी की सफलता और पिता की कुंठा।
Radhika Yadav Murder Case सिर्फ एक घरेलू विवाद नहीं, यह उस संघर्ष की दास्तान है जो एक बेटी ने अपनी पहचान, आज़ादी और जीवन के हक़ के लिए लड़ी थी — और हार गई।